इस तरह से परिस्थितियों से डर कर मत भागो। इनका सामना करो। अपने हृदय की दुर्बलता को त्यागो। किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचार अपने मन में लाकर नपुंसक मत बनो।
Bhagvad-Gita
इससे तुम्हारे अंदर हीन भावना आएगी। इसलिए इन नकारात्मक विचारों का त्याग करो व सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ो।
यदि हम किसी कार्य में असफल भी हो गए हैं तो ये हमें जगाती है और कहती है कि इस तरह दुर्बल मत बनो।
आज सफल नहीं हुए तो क्या हुआ। फिर प्रयास करो, बार बार प्रयास करो। परिस्थितियों का सामना करो। यह तुम्हें शोभा नहीं देता कि पलायन कर जाओ।
तुम्हारे अंदर वो शक्ति है, वो ताकत है, वो बुद्धि है जो बहुत कर सकने में सक्षम है। अपने बल को पहचानो, अपनी योग्यता को पहचानो। अपने ज्ञान को जागृत करो।
भागने की बजाए समाधान की तलाश करो।
जीवन के इस युद्ध में फिर से खड़े हो जाओ। विजय तुम्हारी ही होगी।
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