अनेक प्रकार विचार आते रहते हैं. कभी हमारे मन में विचार आता है कि इस कार्य में मुझे सफलता मिलेगी या नहीं.
कभी विचार आता है कि शायद मैं इस कार्य को ना कर पाउं. कभी मन में विचार आता है कि दूसरे मेरे से ज्यादा श्रेष्ठ हैं व मैं तो उनके आगे कुछ भी नहीं हॅूं.
विचारों का यह परिवर्तन हमें हमारे लक्ष्य से दूर ले जाता है. मन में उठने वाली प्रत्येक लहर हमें पीछे की ओर धकेल देती है तथा हम अपने मार्ग से भटक जाते हैं.
कोई अपराधी किसी भी अपराध को करने से पूर्व एक क्षण के लिए भी नहीं सोचता है तथा वही क्षण उसका आगामी जीवन नरक तुल्य बना डालता है.
अच्छे विचार – विचारों से वातावरण का निर्माण
मन में जिस तरह के विचार उठते हैं उसी प्रकार का वातावरण स्वतः ही बनता चला जाता है. जैसे कि जब कोई एक व्यक्ति प्रसन्नता की मुद्रा में होता है तो उसके आसपास के सभी लोग भी प्रसन्नता की मुद्रा में स्वतः ही आ जाते हैं.
वहीं दूसरी ओर जब एक व्यक्ति क्रोध की मुद्रा में होता है तो आसपास का वातावरण स्वतः ही तनावमय हो जाता है. तथा एक छोटी सी बात विकराल रूप धारण कर लेती है.
ये विचार ही तो हैं जो किसी भी प्रक्रिया को बदलने में… Continued – Page (3)
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