योग, ध्यान, प्राणायाम। नित्य प्रतिदिन उचित मात्रा में योग करें, ध्यान करें, प्राणायाम की क्रियाओं को करें।
योग की क्रियाओं के द्वारा हम शारीरिक श्रम करते हैं, प्राणायाम की क्रियाओं के द्वारा हमारे शरीर में जमा अतिरिक्त ऊर्जा शक्ति का रेचन करते हैं व ध्यान की क्रियाएँ ऊर्जा को नया मार्ग देती हैं।
और यही कारण है कि नित्य योग, प्राणायाम व ध्यान की क्रियाओं को करने वालों को अकारण क्रोध नहीं आता।
योग, प्राणायाम की क्रियाएँ हमें शारीरिक रूप से तो स्वस्थ रखती ही हैं, मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखती हैं।
इसलिए नित्य प्रति योग करें, ध्यान करें, प्राणायाम करें, ईश्वर भक्ति करें, यज्ञ करें और स्वस्थ व शांत रहें, तनाव रहित रहें।
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