उनका एडमिशन नहीं हो पाएगा।
Prof-Jagat-Ram – फीस भरने को नहीं थे रुपये
लेकिन जब उनका काउन्सलिन्ग में नंबर आया तो उनके पास फीस भरने के लिए 300 रुपए नहीं थे। पर कहते हैं कि यदि आपके अंदर लगन हो, नियत साफ हो तो ईश्वरीय शक्तियाँ भी आपका साथ देती हैं।
उन्होने इधर उधर से पैसे मांगकर अपनी फीस भरी।
1982 में उन्होने पीजीआई से आप्थोल्मोलॉजी में एमएस किया और फिर वहीं सर्विस करने लगे। पीजीआई एम्स के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है।
Prof-Jagat-Ram – आँखों के एक लाख से ज्यादा सफल ऑपरेशन
वो अपने 37 वर्षों की इस सेवा यात्रा में अब तक आँखों के एक लाख से ज्यादा ऑपरेशन कर चुके हैं। इन्हें वर्ष 2017 में इसी पीजीआई में डाइरेक्टर बनाया गया पर इन्होने कभी [Continued…..4]
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