अच्छा सोचोगे तो अच्छा पाओगे

निराशा से भरे हुए होते हैं तथा उनसे उत्तपन्न होने वाली तरंगे भी ऋणात्मक भाव लिए हुए होती हैं।

उनकी निराशाजनक, ऋणात्मक तरंगे हमारे अंदर भी निराशाजनक भाव पैदा करती हैं। इसका प्रभाव यह होता है कि हम अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं।

परिणामस्वरूप हमारी प्रगति रुक जाती है। इसके कारण बहुत से लोग मादक पदार्थों का सहारा लेने लग जाते हैं।

आपने कभी न कभी यह महसूस भी किया होगा कि जब हम किसी लक्ष्य के बारे में विचार करते हैं तो हमारी सोच उसी दिशा में शुरू होने लगती है।

उसके उपरांत यह हम पर निर्भर करता है कि हम अच्छा सोच रहे हैं या खराब सोच रहे हैं। उसी के अनुरूप हमें दिशा मिलती चली जाती है।

Think Positive – अच्छी सोच होने पर ईश्वरीय शक्तियाँ देती हैं साथ

इसलिए अच्छा सोचोगे तो अच्छा पाओगे। जब हम अच्छा सोचते हैं तो ईश्वरीय शक्तियाँ हमारे सहयोग में अपना कार्य शुरू कर देती हैं। वो हमारा मार्गदर्शन करती चली जाती हैं।

वो हमें उसी दिशा में ले जाती हैं जहां हमें वो सभी लोग मिलते हैं जो हमारी मदद करते हैं। हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

हमारी खराब सोच के कारण हमारी ईश्वरीय शक्तियाँ हमसे… Continued – Page (4)

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