अच्छा सोचोगे तो अच्छा पाओगे

 दूर होती चली जाती हैं। वो हमारा साथ छोड़ देती हैं। उसके उपरांत हम अपनी दिशा भटक जाते हैं।

अच्छाई अपना प्रभाव देर से दिखाती है। वह अपना स्थान बनाने में समय लगाती है। उसे अपना प्रभाव बनाने के लिए एक अच्छे माहोल की आवश्यकता होती है।

Think Positive – अच्छाई व्यक्ति को परखती है

अच्छाई पहले व्यक्ति को परखती है, उसके उपरांत योग्य होने पर ही उसमें समाहित होती है। अयोग्य व्यक्ति से अच्छाई सदैव दूर ही रहती है।

जब आप अच्छा सोचते हैं तो आपकी अच्छाई की परीक्षा शुरू हो जाती है। जैसे जैसे आपकी अच्छी सोच बढ़ती जाती है वैसे वैसे अच्छाई आपको सही मार्ग दिखलाती चली जाती है।

वहीं खराब सोच के कारण अच्छाई तो अपना स्थान बना ही नहीं पाती है और बुराई अपनी जड़ें जमाती चली जाती है।

फिर इसका फायदा उठाकर चालबाज लोग अपना काम आरंभ कर देते हैं तथा वो ऐसे भटके हुए लोगों को अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रयोग में लाते हैं।

Think Positive – अच्छी सोच के लिए अपने आप को दृढ़ करना आवश्यक

अच्छा सोचने के साथ-साथ उस पर चिंतन, मनन परम आवश्यक होता है। अच्छी सोच को बलवान बनाने के लिए अपने आप को दृढ़ करना परम आवश्यक होता है।

नियमित रूप से उसे संभालकर आगे बढ़ना होता है। उसे न केवल… Continued – Page (5)

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