अच्छा सोचोगे तो अच्छा पाओगे

अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक बनाए रखना होता है बल्कि अपनी आगे की उन्नति के लिए भी उसे पोषित करना होता है।

जैसे जब हम कोई पेड़ लगाते हैं तो केवल बीजारोपण करना ही प्रयाप्त नहीं होता है। उसे बड़ा करने के लिए नियमित रूप से पानी देना होता है।

उसकी देखभाल करनी होती है। उसके जाले हटाने होते हैं। यदि कोई कीड़ा लग जाए तो उसे हटाने के लिए दवा भी डालनी होती है। उसमें खाद डालनी होती है।

तब कहीं जाकर वह पेड़ बड़ा होता है व एक निश्चित समय के उपरांत फल देने या छाया देने के योग्य होता है।

Think Positive – केवल यह सोचना ही पर्याप्त नहीं कि मैं अच्छी सोच रखूँगा

इसके अतिरिक्त केवल यह सोचना ही पर्याप्त नहीं होता है की मैं अच्छी सोच रखूँगा या मुझे एक अच्छी सोच रखनी है। एक अच्छी विचारधारा को अपने मन में स्थान देने के उपरांत उसे अपनी संकल्प शक्ति से बल देना होता है।

प्रतिदिन अपनी अच्छी सोच को विकसित करना होता है। हर पल अपने अंदर से नकारात्मक भावों को बाहर निकालना होता है।

अपनी इच्छा शक्ति को नियमित रूप से बल देने से अच्छी सोच को बल मिलता है। जब मन में यह भाव होता है कि मुझे अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी ही है तो यह अच्छी सोच को खाद देने का कार्य करती है।

यदि हम उस पौधे की देखभाल नहीं करते हैं तो वह सूखता चला जाता है तथा कुछ समय उपरांत वह मर जाता है।

इसी प्रकार से यदि हम अपनी अच्छी सोच को बल नहीं देंगे, उसे अपनी… Continued – Page (6)

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