सही प्रकार से व अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है। यदि हमें यौगिक क्रियाओं की सही जानकारी नहीं है तो किसी प्रशिक्षित व अनुभवी योग शिक्षक से सीख कर ही करें।
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जिन लोगों को ऐसिडिटी की गंभीर समस्या हो, उन्हें एक सप्ताह नमक वाले पानी से व एक सप्ताह बिना नमक के पानी से कुंजल क्रिया करनी चाहिए। कुंजल क्रिया से अभिप्राय एक जग जितना पानी पी कर उसे मुख में उंगली डाल कर वापस बाहर निकाल दें(जैसे उल्टी करते हैं)। कुंजल क्रिया ऐसिडिटी (अम्लपित्त) को दूर करने में विशेष लाभकारी है।
- सुबह-शाम टहलने जाएँ व नंगे पैर घास में घूमें।
- सूर्य नमस्कार, वज्रासन, सर्वांगासन, पवनमुक्तसन, सुप्तवज्रासन, कमर चक्रासन ऐसिडिटी को दूर करने में विशेष रूप से लाभकारी है। इनका नियमित रूप से अभ्यास न केवल ऐसिडिटी को दूर करता है बल्कि इससे अपच, नींद न आने की समस्या आदि भी दूर होते हैं तथा शरीर में स्फूर्ति भी बनी रहती है।
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कैसे दूर करें नींद न आने की समस्या – यह जानने के लिए यहाँ पढ़ें।
- प्रतिदिन भस्त्रिका प्राणायाम 2 से 5 मिनट, कपालभाती प्राणायाम 10 से 15 मिनट, अनुलोम-विलोम प्राणायाम 10-15 मिनट, अग्निसार क्रिया 3 बार, उज्जई प्राणायाम 5 बार, शीतली प्राणायाम 5 बार नियमित रूप से करने से ऐसिडिटी में विशेष लाभ होता है।
- रात्री का भोजन सोने से कम से कम दो घंटे पूर्व करना विशेष लाभकारी होता है। … Continued – Page (7)
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