उनकी आदत वैसे ही बनी रहती है। वो हर काम मे अपनी कुटिल योजना को प्रयोग मे लाते हैं।
वो कभी भी इस पर विचार नहीं करते कि उनके अपने अंदर क्या कमी है? वो तो बस दूसरे को आगे बढ़ता नहीं देखना चाहते।
Surrender – मैं झुकने वाला नहीं
दूसरी और बहुत से लोग अपना जीवन इसी बात मे निकाल देते हैं कि दूसरे ने मेरा अपमान किया है। अब जब तक वो मुझसे माफी नहीं मांग लेता मैं झुकने वाला नहीं हूँ।
हम सबकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम इसी उधेडबुन में अपना सारा जीवन गंवा देते हैं। हर पल इसी चिंता में उलझे रहते हैं।
फिर क्या फर्क रह गया उसमें और हम में। उसने भी हमें नीचा दिखाने के लिए अपना जाल बुना और हमने अपने अहम की पूर्ति के लिए उसे नीचा दिखाने की तैयारी शुरू कर दी।
बहुत से देशों मे अभिवादन के रूप में… Continued – Page (3)
खत्री जी। शुभ संध्या।
बड़े ही अच्छे विषय पर आपने विचार व्यक्त किये हैं। वास्तव में इंसान अपने अहम् के मद में इतना अँधा हो गया है कि वह प्रत्येक सामने वाले व्यक्ति को अपने से तुच्छ ही समझता है, फिर चाहे पद हो या पैसा ।
एक बार सोच कर देखे क्या लाये थे और क्या लेकर जाओगे। एक आप का व्यवहार और दो मीठे बोल ही तो हैं जो आपकी याद रुपी आप छोड़ जाते हैं।
विनयशीलता और सद्कर्म मनुष्य के सबसे बड़े गहने है और वही आपके बाद इस मायावी संसार में रह जाते हैं।
आदरणीय वीरेंद्र जी। धन्यवाद।