दूसरे को झुकाने की बजाय खुद झुको

गलत बात में हाँ में हाँ मिलना झुकना नहीं होता है, चापलूसी होती है

किन्तु जब भी गलत बात के विरोध में अपनी बात रखो, मर्यादा एवं शिष्टता के साथ अपनी बात रखनी चाहिए।

जब कभी आपको ऐसा लगे कि आपके झुकने से परिवार में, आस-पड़ोस में, समाज में, देश में कुछ अच्छा हो सकता है तो झुकने में बिलकुल भी संकोच मत करिए।

क्योंकि कोई भी व्यक्ति मरते समय अपने साथ कुछ भी लेकर नहीं जाता, ना धन, ना दौलत, ना अहम, कुछ भी नहीं। फिर किस लिए झुकने में हिचकिचाते हो।

Surrender – खुशी के साथ करो उन्नति

जीवन में हमेश आगे बढ़ो। किसी भी प्रकार का तनाव मत पालो। हर पल खुशी के साथ अपनी उन्नति करो। आपका अहम आपको आगे बढ़ने से सदैव रोकेगा।

जो दूसरों को झुकाने में लगा रहता है, आगे चल कर उसका जीवन नरक तुल्य होता चला जाता है। उसे स्वतः ही कहीं न कहीं, किसी न किसी रूप में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

इसलिये हर पल उस ईश्वर का शुक्रिया अदा करो जिसने हमें इतना सुंदर… Continued – Page (7)

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2 Comments

  1. खत्री जी। शुभ संध्या।

    बड़े ही अच्छे विषय पर आपने विचार व्यक्त किये हैं। वास्तव में इंसान अपने अहम् के मद में इतना अँधा हो गया है कि वह प्रत्येक सामने वाले व्यक्ति को अपने से तुच्छ ही समझता है, फिर चाहे पद हो या पैसा ।

    एक बार सोच कर देखे क्या लाये थे और क्या लेकर जाओगे। एक आप का व्यवहार और दो मीठे बोल ही तो हैं जो आपकी याद रुपी आप छोड़ जाते हैं।

    विनयशीलता और सद्कर्म मनुष्य के सबसे बड़े गहने है और वही आपके बाद इस मायावी संसार में रह जाते हैं।

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