उसके बर्तन भी साफ व अच्छे होने चाहिए। क्योकि यदि गंदे बर्तन में भोजन परोसा जाता है तो मन में खिन्नता पैदा होना स्वाभाविक है।
इसलिए जब कभी भी भोजन किया जाय या परोसा जाय तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाय भोजन के साथ-साथ उसके बर्तन भी अच्छे हों।
Good Food – भोजन सही समय पर किया जाना चाहिए
वैसे तो कहा ये जाता है कि जब भी भूख लगे तभी भोजन कर लेना चाहिए। किन्तु बार-बार भोजन करना बीमारियों को जन्म देता है।
नाश्ते के उपरांत चार-पाँच घंटे के उपरांत ही भोजन करना चाहिए। बहुत से लोग प्रत्येक घंटे में कुछ न कुछ खाते रहते हैं जो मोटापे की वृद्धि में विशेष सहायक होता है। मोटापे से बचने के लिए यहाँ पर पढ़ें।
दिन के भोजन के लिए सबसे अच्छा समय होता है – दोपहर का समय यानि 12 बजे से 2 बजे तक का समय । दोपहर का समय हमारे शरीर में पित्त वृद्धि कारक होता है।
इस समय किया गया भोजन न केवल शीघ्रता से पचता है बल्कि उसमें हमारे शरीर से स्रावित होने वाले विभिन्न प्रकार के रसों का समावेश भी स्वतः ही हो जाता है।
दोहापर के समय भोजन न करने के कारण हमारे शरीर में पित्त उत्तेजित हो कर हमें हानि पहुंचाता है व हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इसी प्रकार से भोजन का समय समाप्त हो जाने के उपरांत भोजन न किए जाने के कारण हमारे शरीर में वायु दोष जिसे वात दोष भी कहा जाता है, वह भी कुपित हो जाता है जो हमारी पाचन शक्ति को कमजोर करता है तथा हमें पाचन संबंधी व वात रोगों आदि… Continued – Page (4)
Its really a very good auditorial.
We will keep all the things in mind.
Thanks.
Thank you Ji.