अपने भोजन को पचाने के लिए पर्याप्त परिश्रम के लिए समय नहीं मिल पाता है तो उसे ठोस या गरिष्ठ भोजन कम करना चाहिए।
इसी प्रकार से दिन में किए जाने वाले भोजन में देरी से पाच्य होने वाले पदार्थों का सेवन किया जा सकता है किन्तु रात्री को किए जाने वाले भोजन में अल्प मात्रा में हल्के व सुपाच्य पदार्थों का ही सेवन किया जाना चाहिए।
कम भोजन की पूर्ति अन्य प्रकार के तरल पदार्थों से, अंकुरित पदार्थों, फल, सलाद आदि से की जा सकती है जो न केवल हमारे खाने की पूर्ति करते हैं बल्कि हमारे शरीर को पौष्टिक तत्व भी प्रदान करते हैं तथा हमें मोटा होने से भी बचते हैं।
Good Food – गर्म व ताजा भोजन लाभकारी होता है
जब कभी भी भोजन करें तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि जहां तक हो सके, वह ताजा व गर्म हो।
ताजा व गर्म भोजन शीघ्र पाच्य व लाभकारी होता है, वायु दोषों को दूर करता है। बासी व ठंडा भोजन तामसिक, वायु दोषों को बढ़ाने वाला, रोग कारक होता है।
Good Food – भोजन कैसे करें
जब भी भोजन किया जाय तो उसे पूरी तरह से चबा-चबा कर खाना चाहिए। इसके लिए एक सिद्धांत यह भी है कि भोजन कि प्रत्येक कोर(बाईट) को 30-32 बार चबा कर पेट के अंदर लेकर जाना चाहिए।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अधिक चबाने से मुख की लार पूरी तरह से हमारे भोजन में मिल जाती है जो उसे पचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
साथ ही पूरी तरह से चबाने के पश्चात उसे पचाने के लिए हमारे शरीर के अन्य अंगों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है व पाचन क्रिया सहजता से हो जाती है।
बिना चबाये हुए भोजन को पचाने के लिए हमारे आमाशय को बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है जो उसे कमजोर बनाती है। इसके अतिरिक्त हमें अपच, गैस, एसिडिटी आदि रोगों का भी सामना करना पड़ता है।
और भी बहुत सी बातें हैं जिनका ध्यान रखकर हम न केवल शरीर से ही स्वस्थ रह सकते हैं बल्कि इससे हमारे मन में भी प्रसन्नता बनी रहती है।
इसलिए जब भी भोजन करे तो इन नियमों का पालन जरूर करें। हो सकता है कि अपनी आदतों को बदलने में हमें समय लगे किन्तु इस बात का सदैव स्मरण रखें कि हमारा सब कुछ तभी सार्थक है जब हम अपने भोजन को मन से व अच्छे प्रकार से ग्रहण करते हैं।
हमारा कमाया हुआ धन भी तभी अच्छा है जब हम अपने लिए, अपने शरीर के लिए व अपने भोजन के लिए पर्याप्त समय निकाल रहे हैं, नहीं तो सब कुछ व्यर्थ है।
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