इसके कुछ लक्षण होते हैं। किन्तु सत्य ये है कि इसके कोई निर्धारित लक्षण नहीं होते हैं। यह कभी भी किसी को भी हो सकता है।
इसलिए यदि किसी की आयु 40 वर्ष से कम है तो दो वर्ष में एक बार अपने रक्तचाप की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए तथा 40 वर्ष से अधिक आयु होने पर प्रति वर्ष अपने रक्तचाप की जांच करवानी चाहिए।
निम्न रक्तचाप की अवस्था में शरीर में शिथिलता, अनिद्रा, बेहोशी, श्वाश लेने में परेशानी, अनियमित बुखार, सिरदर्द, कफ, उल्टी, कम कार्य करने पर भी अधिक थकान का होना आदि लक्षण हो सकते हैं।
Blood Pressure Problem – उच्च रक्तचाप होने पर क्या करें-
- जब कभी भी उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) की समस्या हो तो नमक का सेवन कम करें।
- नियमित रूप से टहलने जाएँ व ताजा ऑक्सीजन का सेवन करें। उच्च रक्तचाप के लिए टहलना एक सर्वोत्तम इलाज है।
- प्रतिदिन चार पत्तियाँ तुलसी, दो पत्तियाँ नीम की लेकर उन्हें पानी के साथ अच्छी तरह से घोट कर प्रातः काल खाली पेट सेवन करने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। यह कार्य नियमित रूप से पाँच-सात दिन तक करें।
- एक माह तक लगातार प्रातः काल खाली पेट, पेड़ पर पके पपीते का सेवन करने से उच्च रक्तचाप(हाई बीपी) में लाभ होता है। किन्तु ध्यान रहे कि इसे खाने के उपरांत कम से कम दो घंटे तक कुछ और सेवन ना करें।… Continuted – Page (4)
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Thank you Sir