क्या चिंता करने से उसकी नौकरी लग जायेगी. नहीं, बल्कि हो सकता है कि आपकी चिन्ता बच्चे को अपने आप से खिलवाड करने पर मजबूर ना कर दे.
वैसे तो यह एक बहुत बडा विषय है तथा आगामी दिनों में आप इस पर मेरा लेख पढेंगे. किन्तु यहां इस विषय में मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि अपने बच्चे की काबिलियत को पहचानिये तथा उसकी शारीरिक व मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसका समाधान ढूंढिये.
साथ ही यदि आप अपने बच्चों के विवाह को लेकर चिंतित हैं तो यह भी कोई चिन्ता का विषय नहीं है. किन्तु यह भी एक बहुत बडा विषय है तथा आगामी दिनों में इस पर भी आप मेरा लेख पढेंगे.
इस बारे में मैं यहां केवल यह ही कहना चाहूंगा कि सर्वप्रथम आप उन कमियों पर अवश्य विचार कीजिए जिनके कारण बच्चों के विवाह में बाधायें आ रही हैं तथा उन्हें दूर करने का सम्पूर्ण कार्य कीजिए क्योंकि अधिकतर ऐसा तभी होता है जब कहीं न कहीं, कोई ना कोई कमी हो.
worry think – ज्यादातर समस्याओं का समाधान होता है अपने आस-पास
चिंता किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. जब कभी किसी भी समस्या में उलझ कर रह जाओ तो चिन्ता मत करो. उस समस्या का समाधान ढूंढो. वह हमारे आस-पास ही हमें मिल जायेगा.
चिंता करने की अपेक्षा समस्या के मूल में जाओ क्योंकि ज्यादातर समस्याओं का समाधान तो वहीं छिपा होता है. बस थोडा सा धैर्य हमें बहुत से सार्थक परिणाम दे सकता है.
अंत में मैं अपनी बात जो हमेशा कहता हॅूं कि समस्या समाधान के लिए – मस्त रहो और व्यस्त रहो.
जैसा कि हमारा मूल वाक्य (टेग लाइन) है – अपने विचारों को बांटिये जिससे कि हम इसके माध्यम से किसी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता कर सकें, इस लेख को अधिक से अधिक लाइक
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